अधिकारी बनने की इच्छा रखने वाले लगभग हर अभ्यर्थी के मन में होता है कि UPSC सिविल सेवा की परीक्षा में सफल होने के लिए दैनिक कितने घंटे पढ़ना होता है। आज का लेख तैयारी के समय प्रबंधन से संबंधित है। इस लेख के लिए जानकारी एकत्रित की है देश की सर्वश्रेष्ठ कोचिंग संस्कृति IAS Coaching के CEO श्री शिवेश मिश्रा सर से।
बता दूँ कि शिवेश सर संस्कृति IAS कोचिंग के CEO बनने के पूर्व दृष्टि IAS कोचिंग के CEO थे। सर UPSC सिविल सेवा परीक्षा के अध्ययन-अध्यापन क्षेत्र में लगभग दो दशक से कार्यरत हैं। वर्तमान में संस्कृति IAS कोचिंग से अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। यह संस्था दिल्ली के मुख़र्जीनगर से संचालित हो रही है, जिसकी एक शाखा प्रयागराज में भी है।
चर्चा के क्रम में सर से पूछा कि UPSC सिविल सेवा की तैयारी में अभ्यर्थी को कितने घंटे पढ़ना होता है?
जबाव देते हुए सर ने स्पष्ट किया कि 16 घंटे या इससे अधिक पढ़ाई करने से चयन हो ही जाएगा इसकी गारंटी नहीं है सफल होने के लिए एक तरीके में पढ़ना होगा, जिसके लिए हमें कई बातें ध्यान रखनी होंगी; जैसे-
- कितना पढ़ना है
- कहाँ से पढ़ना है
- कैसे पढ़ना है
- क्या नहीं पढ़ना है
- कैसे लिखना है; आदि
सर कहते हैं कि अभ्यर्थी ध्यान रखें कि जितनी भी देर पढ़ें वह उत्पादक हो। दैनिक समय का प्रबंधन अवश्य करें और अनुशासित रहने का प्रयास करें; सर ने समय प्रबंधन के कुछ टिप्स भी दिए हैं, जो नीचे लिखे गए हैं-
- दैनिक दिनचर्या में अध्ययन के लिये समय निर्धारित करें
- औसत 8 घंटे पढ़ाई का लक्ष्य रखें
- अध्ययन के समय को विषयवार वर्गीकृत करते रहें
- अध्ययन के बाद मूल्यांकन अवश्य करें और सुनिश्चित करें कितना सीखा
- अपनी समय सारणी को लचीला रखें
- परीक्षा के नजदीक आने पर अध्ययन के समय को और बढ़ा लें
- अध्ययन में नियमितता जरुरी है; आदि
सर कहते हैं कि अभ्यर्थियों को UPSC सिविल सेवा परीक्षा की बदलती प्रकृति को समझते हुए अध्ययन को प्रभावी करते रहना चाहिए। अध्ययन का अंतिम उद्देश्य UPSC की परीक्षा में सफल होना है। इसलिए अभ्यर्थियों को प्रभावी समय प्रबंधन और उचित रणनीति के साथ अपनी तैयारी को सम्पूर्णता देनी होगी।